Book Name: Rooh se rooh tak
Author: Vineet Bansal
Publisher: Nine Books
Blurb:
गर ना समझें
तो यह महज़
एक कहानी है,
एक किताब है...
बाकी और किताबों
की तरह, जिसे
आप पढ़ते हैं
और भूल जाते
हैं। समझें तो
एक कोशिश... उस
शय के सबसे
सच्चे और सुच्चे
स्वरूप को जानने
की जिसे हम
सभी प्रेम कहते
हैं। कहानी की
शुरुआत होती है
नील से। किस
तरह से एक
छोटे से शहर
का सीधा-सादा
सा लड़का यूनिवर्सिटी
में आता है
और उसकी चकाचौंध
में खो जाता
है। पहले ही
दिन उसकी मुलाकात
होती है रणदीप
से- यूनिवर्सिटी का
सबसे रुआबदार लड़का।
दोनों दोस्ती से
कुछ आगे बढ़कर
एक-दूसरे को
भाई समझने लगते
हैं। इसी बीच
नील को प्यार
हो जाता है-
सच्चा प्यार, अदिति
से। प्यार रणदीप
को भी होता
है- रिया से,
लेकिन एकतरफ़ा प्यार।
परिस्थितियाँ कुछ यूँ
करवट लेती हैं
कि रिया आत्महत्या
कर लेती है
और जाने से
पहले अपनी हत्या
का इल्जाम लगा
जाती है नील
पर। क्या नील
रणदीप को अपने
बेगुनाह होने का
यक़ीन दिलवा पाता
है? क्या होता
है जब आपका
सबसे अच्छा दोस्त
आपका सबसे बड़ा
दुश्मन बन जाता
है? क्या होता
है जब प्यार
सनकपन की सभी
हदें पार कर
जाता है? क्या
होता है जब
आपको प्यार और
ज़िन्दगी में से
किसी एक को
चुनना पड़ता है?
क्या नील और
अदिति प्यार की
उस ऊँचाई को
हासिल कर पाते
हैं? क्या दोनों
एक हो पाते
हैं? जवाब आपके
हाथों में है-
'रूह से रूह
तक''।
Review:
Rooh se rooh tak by Vineet Bansal is the first Hindi novel
that I’ve ever read. I was a little skeptical about reading a Hindi book as I
had stopped reading and writing Hindi since 2008. I was doubtful whether I would
be able to finish reading this book on time and review it.
I would say I had a pleasant time reading this book. The
typesetting and overall presentation of this book is awesome. Not even for once
did I feel any visual difficulty. The book is presented well.
This story is about love, friendship and deceit. It is about
what you can do for your partner. It teaches you the value of true friendship
and love. True love always has to stand out in an acid test and that is what
exactly happens with the characters of this story. The author has nicely penned
down this tale of love.
The book has been written in Hindi. It is written well. The
characters aren’t many and the author has done included all the characters in
most of the part of the book. He has given a proper place for every character.
You do not wonder as to what a particular character is doing in the story.
I found the story to be a bit predictable at many places.
The story teaches you many lessons for life. I enjoyed reading this novel.
I rate:
Cover: 3/5
Characters: 3/5
Story: 3.5/5
My overall rating for Rooh se rooh tak is 3.5/5 stars.
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